Gajendra Moksh Stotram In Sanskrit ...
Sankat Nashak Ganesh Stotran in Sanskrit
भगवन श्री गणेश प्रथम पूज्य, संकट नाशक एवं विघ्नहर्ता है| जिस प्रकार किसी भी काम की शुरुवात भगवन श्री गणपति के नाम को ले कर करने से, उस काम में सफलता प्राप्त होती है उसी प्रकार दिन की शुरुवात अगर "संकटनाशक गणेश स्तोत्र" का ११ बार पाठ कर के किया जाये तो मनुष्य के जीवन में धन, सुख - समृद्धि की वृद्धि तो होती ही है साथ ही सभी कामो में सफलता की प्राप्ति भी होती है|
ॐ श्री गं गणपतये नमः
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।2।।
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।3।।
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।4।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।।
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।7।।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।।
॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥