रसोईघर वास्तु सम्पूर्ण जानकारी
घर में रसोई बहुत जरूरी होती है। रसोई में ही सबके लिए खाना बनता है। खाने के बिना मुश्किल है। खाने से ही घर के लोगों को शक्ति मिलती है। घर में रसोई हमेशा वास्तु के अनुसार होनी चाहिए। रसोई का वास्तु रसोई का हर हिस्सा कैसे होना चाहिए बताता है। किचन का वास्तु सही नहीं होने की वजह से घरवालों पर बुरा असर पढ़ता है। वास्तु के अनुसार बनी हुई रसोई फायदेमंद रहती है। इसीलिए रसोई वास्तु पर ध्यान देना जरुरी है। चलिए जानते है रसोई वास्तु के बारे में !
- घर की दक्षिण पूर्व दिशा रसोई के लिए सबसे शुभ है।
- शौचालय के ऊपर और नीचे रसोई नहीं बनाएँ।
- बैडरूम के ऊपर और नीचे रसोई नहीं बनाएँ।
- रसोई में चूल्हा रसोई के दरवाज़े के सामने नहीं रखें।
- रसोई का मुख्य द्वार कोने में नहीं होना चाहिए। दरवाज़ा पूर्व, पश्चिम या उत्तरी दिवार पर बनाएँ।
- ईशान कोण में रसोई नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने से घरवालों में मानसिक तनाव होता है।
- दक्षिण पश्चिम दिशा में रसोई नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने से घरवालों में झगड़े होते है।
- उतर दिशा में रसोई बनाना खतरनाक होता है। यह कुबेर भगवान की दिशा है। इस दिशा में रसोई बनाने से आपके खर्चे बढ़ जाते है।
- खाना बनाते वक़्त पश्चिम दिशा की तरफ चेहरा नहीं करें।
- रसोई की दीवारों पर काला रंग नहीं करें।
रसोईघर में इन बातों का रखें विशेष ध्यान
रसोई बनाते वक़्त नीचे दी गयी हुई बातों का ध्यान रखें। इनकी मदद से आप रसोई का वास्तु सही रख सकते है:
- रसोई में पटिया पूर्व और दक्षिण पूर्व दिशा में रखिये।
- चूल्हा हमेशा दक्षिण पूर्व दिशा में रखिये।
- रसोई में सिंक ईशान कोण में होना चाहिए।
- पीने का पानी ईशान कोण या उत्तर दिशा में रखना चाहिए।
- दाल के डब्बे , मसालें, नमक आदि दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखिये।
- पश्चिमी और पूर्वी दिवार पर खिड़की जरूर बनवाएँ। इसी दिवार पर एग्जॉस्ट फैन भी लगाएँ।
- रसोई की उत्तर पश्चिम या पश्चिम दिशा में डाइनिंग टेबल रख सकते है।
- पूर्व और उत्तर दिशा में हलकी चीज़ें रखे।
- रात में हमेशा रसोई साफ़ कीजिये।
- रात में सोने से पहले झूठे बर्तन अवश्य धोइये।
रसोईघर की सही दिशा
- वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन हमेशा ‘आग्नेय कोण’में होना चाहिए ।’आग्नेय कोण’ अर्थात दक्षिण पूर्व दिशा। इसके अलावा आप उत्तर पश्चिम दिशा में रसोई बनवा सकते है। यह वैकल्पिक स्थान होता है।
- उत्तर, दक्षिण पश्चिम और उत्तर पूर्व दिशा में रसोईघर बिलकुल नही होनी चाहिए । अगर आपकी रसोईघर दक्षिण दिशा में बनी हुई है तो आप अपना चूल्हा (chulha) पूर्व दिशा में रखे।
भूल से भी ना करें ये गलती
- वास्तु के अनुसार खाना बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला प्लेटफॉर्म कभी भी उत्तर या पश्चिम दिशा की दीवारों से जुड़ा हुआ नही होना चाहिए।
- किचन की दीवारों पर कभी भी काला ग्रेनाईट इस्तेमाल नहीं करे। इसके लिए सफेद पत्थर या हरा या महरून ग्रेनाईट इस्तेमाल कीजिये।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
1. वास्तु के अनुसार रसोई में डाइनिंग टेबल नही रखना चाहिए। अगर रखना जरुरी है तो इसे पश्चिम दिशा या उत्तर पश्चिम दिशा में ही रखे।
2. चूल्हा और सिलेंडर किचन की दक्षिण पूर्व दिशा में रखे।
3. अगर आपके पास माइक्रोवेव है तो इसे दक्षिण पूर्व दिशा में रखे।
4. अपने अनाज को हमेशा रसोई की दक्षिण पश्चिम दिशा में रखे।
5. कभी भी रसोई के बीचो बीच चूल्हा अर्थात गैस नही रखे।
6. इस बात का ख़ास ध्यान रखे की आपके किचन का नल अगर लीक कर रहा हो तो उसकी तुरंत मरमत करवाएं।
7. बर्तन धोने वाला वाश बेसिन सिंक उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
8. चूल्हा और बर्तन धोने का सिंक एक ही प्लेटफॉर्म में नही होना चाहिए।
उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में रसोई हो तो क्या करें
ईशान कोण दिशा रसोई के लिए शुभ नहीं है। इस दिशा में रसोई नहीं होनी चाहिए। इस दिशा में रसोई बनाने से नीचे दी हुई मुसीबतें आती है:
- आपको आर्थिक मुसीबतों का सामना करना पढ़ता है।
- घरवालों के स्वस्थ्य पर भी असर पढ़ता है।
- घर के बच्चों की पढ़ाई पर असर पढ़ता है।
- पति और पत्नी का रिश्ता भी टूट सकता है।
- घर हमेशा साफ़ नहीं रह पाता।
- घर की महिलाएं हमेशा उदास रहती है।
इन सभी मुसीबतों से बचने के लिए रसोई इस दिशा में नहीं बनाएं। लेकिन अगर आपकी रसोई इस दिशा में है तो डरिये मत। नीचे दिए हुए कुछ तरीकों से आप अपनी मुसीबतें कम कर सकते है :
- अपनी रसोई में दक्षिण पूर्व दिशा में चूल्हा रख दीजिये।
- रसोई की ईशान कोण दिशा हमेशा साफ़ रखिये।
- अगर ईशान कोण दिशा में खिड़की है तो उसको हमेशा खुली रखिये।
- ईशान कोण को बढ़ा कर उत्तर या पूर्व दिशा में ले जाईये। अगर ऐसा मुमकिन नहीं है तो ईशान कोण में माता अन्नपूर्णा की तस्वीर लगाएं।
- रसोई का रिंग नीला या हल्का पीला करवा लीजिये।
- घर के दक्षिण पूर्व दिशा में एक स्टूल रखिये। यह रसोई की सही दिशा होती है। इस जगह पर रोज़ दूध उबालिए या कुछ पकाएँ। ऐसा करने से यहाँ छोटी रसोई है ऐसा प्रतीत होता है।
- ईशान कोण में सिद्ध वास्तु कलश रखिये। रोज शिव भगवान की पूजा भी कीजिये।
- रसोई की छत के पास 3 पीतल के कटोरे लटकाय। पहला कटोरा ईशान कोण में लटकाएँ। दूसरा उसके बाएं तरफ लटकाएं। तीसरा दाएं तरफ लटकाएं। इनमे से एक भी कटोरा चूल्हे के ऊपर नहीं होना चाहिए।
दक्षिण-पश्चिम में रसोई हो तो क्या करें
वास्तु के अनुसार यह सबसे जरूरी दिशा है। इस दिशा पर राहु ग्रह का राज है। राहु आपका स्वास्थय , किस्मत , स्थिरता और पैसों को नियंत्रित करता है। इसीलिए इस जगह पर दोष आपके लिए हानिकारक हो सकता है। इस दिशा में रसोई बनाने से भी इस दिशा का दोष होता है। अगर आपकी रसोई इस दिशा में है तो यह सही नहीं है। लेकिन नीचे दिए हुए कुछ तरीकों से आप इस दोष से बच सकते है:
- रसोई के दक्षिण पूर्व दिशा में चूल्हा रखिये।
- घर के दक्षिण पूर्व दिशा में एक स्टूल रखिये। यह रसोई की सही दिशा होती है। इस जगह पर रोज़ दूध उबालिए या कुछ पकाएँ। ऐसा करने से यहाँ छोटी रसोई है ऐसा प्रतीत होता है।
- रसोई की दीवारों पर पीला रंग करवा दीजिये।
- रसोई के अंदर कम से कम पानी इस्तेमाल कीजिये। झूठे बर्तन रसोई के बाहर धोइये।
- हो सके तो रसोई के फर्श को ऊंचा बनवा दीजिये।