शीतला अष्टमी की पूजा इस वर्ष 4 अप्रैल को की जाएगी | हिन्दू पंचांग के अनुसार , चैत्र माह के कृष्णा पक्ष की अष्टमी तिथि को हर साल शीतला अष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है | शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है, साथ ही माँ की कृपा प्राप्ति के लिए शीतला माता हो बासी खाने का भोग लगाया जाता है और बाद में इसे प्रशाद रूप में ग्रहण किया जाता है | इस कारण इस पुजा को बसोडा अष्टमी भी कहा जाता है | इस दिन घरों में चूल्हा जलन भी वर्जित माना गया है |
ऐसी मान्यता है की शीतला माता की पूजा से माँ प्रसन्न हो कर आने वाले ग्रीष्म ऋतू में सभी को शीतलता प्रदान करतीं है एवं बच्चों की कई बीमारियों से रक्ष करतीं हैं |
पूजा विधि - इस व्रत की तैयारी सप्तमी के दिन से ही शुरू हो जाती है| सप्तमी के रात को घर के सभी सदस्यों के भोजन करने के बाद , रसोई घर की अच्छे से सफाई की जाती है, फिर स्नान कर पवित्रता पूर्वक भोजन पकाया जाता है | इसके बाद अष्टमी तिथि को सूर्योदय से पहले उठकर स्न्नान अदि नित्य कर्म से निवृत हो शीतला अष्टमी व्रत करने का संकल्प लें और माँ शीतला ही विधिवत पूजा अर्चना कर बासी भोजन का भोग लगाये | माँ शीतला की पूजा में दीपक नहीं जलाना चाहिए | इसके बाद शीतलाष्टक का पाठ करें, शीतला माता की व्रत कथा पढ़े और और पूजा के अंत में शीतला माता से क्षमा याचना जरूर करें, एवं माँ से कृपा बनाये रखने की प्रार्थना करें | माँ की पूजा में ठंडी वस्तुओं का ही प्रयोग करें |
शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त - 06:08 AM से 06:41 PM
अवधि - 12 घण्टे 33 मिनट।
अष्टमी तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 04, 2021 को 04:12 AM बजे
अष्टमी तिथि समाप्त - अप्रैल 05, 2021 को 02:59 AM बजे