हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष आषाढ़ माह के पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी 13 जुलाई 2022, बुधवार के दिन। ऐसे मान्यता है की महाभारत, वेद और उपनिषद के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म आषाढ़ माह के पूर्णिमा तिथि को ही हुआ था। इसी कारण इस पूर्णिमा तिथि को उनके जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।
गुरु पूर्णिमा तिथि एवं शुभ संयोग (Guru Purnima Date & Time)
इस वर्ष बुधवार, 13 जुलाई 2022 को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जायेगा। पूर्णिमा तिथि शुरू होगी 12 जुलाई 2022, मंगलवार को रात 2:35 से और रहेगी बुधवार, 13 जुलाई 2022 के रात 12:06 तक। इस दिन सूर्योदय सुबह 5:32 पर होगा वहीं सूर्यास्त शाम 07:22 पर होगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु पूर्णिमा वाले दिन ग्रहों का अत्यंत शुभ संयोग भी बन रहा है। इस दिन 5 ग्रह देव गुरु बृहस्पति, दैत्य गुरु शुक्र, मंगल, शनि और बुध अपनी अपनी राशि में रहेंगे। ग्रहो की स्थिति के कारण इस दिन 5 प्रकार के अद्भुत पंच महापुरुष योग का निर्माण हो रहा है। जिस कारण इस वर्ष की गुरु पूर्णिमा को अत्यंत शुभ मन जा रहा है।
ऐसे शुभ योग में किये गए स्नान, दान, पूजा, जप, तप और उपायों का अत्यंत शुभ फल प्राप्त होता है। अतः इस वर्ष गुरु पूर्णिमा पर घर में धन सुख समृद्धि की वृद्धि के लिए निम्न उपायों को जरूर अपनाये।
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गुरु पूर्णिमा पूजा विधि (Guru Purnima Puja Vidhi)
1. इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठे और किसी पवित्र नदी में स्नान करे या फिर घर में ही स्नान करने के जल में गंगा जल मिला कर "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मन्त्र का जप करते हुए स्नान करे।
2. साफ स्वक्ष वस्त्र धारण कर सर्वप्रथम भगवन सूर्य नारायण को जल दे।
3. फिर श्री हरी विष्णु एवं माता लक्ष्मी की विधिवत षोडशोपचार से पूजा अर्चना करें। इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा एवं व्रत करना भी अति शुभ मन जाता है।
4. श्री लक्ष्मी नारायण को पंचामृत स्नान कराये फिर वस्त्र, चन्दन, हल्दी, कुंकुम, पुष्प, तुलसी, प्रशाद, फल, पान सुपारी आदि अर्पित करें।
5. इस दिन महर्षि वेदव्यास, देव गुरु बृहस्पति, जगत गुरु भगवन शिव की भी विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए।
6. अब श्री विष्णु के मन्त्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का यथा सम्भव जप करें और विष्णु सहस्त्रनाम और श्रीसूक्त का पाठ करें।
7. अंत में आरती कर क्षमा प्रार्थना करें।
8. गुरु पूर्णिमा में दान का भी अत्यधिक महत्व बताया गया है। इस दिन आप पैसे, अनाज, फल, वस्त्र आदि का दान कर सकते है। यथा शक्ति गरीबो और जरुरतमंद को दान करें।
9. अपने विचार एवं आचरण को पवित्र रखें। सात्विक भोजन करें और ब्रमचर्य का पालन करें।
गुरु पूर्णिमा के उपाय : (Guru Purnima ke upay)
1. सुख-समृद्धि प्राप्ति हेतु
पूर्णिमा तिथि माँ लक्ष्मी को समर्पित होती है। अर्थात पूर्णिमा को माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु किये गए उपाय अति शीघ्र फलदायी होते है। ऐसी मान्यता है की हर पूर्णिमा को माँ लक्ष्मी का आगमन पीपल के पेड़ पर होता है अतः पूर्णिमा के दिन सुबह -सुबह स्नान आदि कर साफ स्वक्ष वस्त्र धारण करें और पीपल के पेड़ की जड़ में मीठा जल समर्पित करें। माँ लक्ष्मी का ध्यान करते हुए पीपल के जड़ में मिश्री, धुप, दीप, पुष्प आदि समर्पित करें। और माँ लक्ष्मी से अपने घर आने की प्रार्थना करें। हर पूर्णिमा को इस उपाय को दोहराते रहने से मनुष्य की आर्थिक परेशानियाँ दूर होती है और घर में धन सुख समृद्धि की वृद्धि होती है।
2. सुखी दांपत्य जीवन के लिए
पति पत्नी में मनमुटाव रहता हो तो सुखी दांपत्य जीवन के लिए पूर्णिमा तिथि को चंद्रोदय के बाद पति पत्नी दोनों एक साथ चन्द्रमा को गए के कच्चे दूध से अर्घ दें। अगर दोनों एक साथ ना कर सकें तो कोई भी एक इस उपाय को कर सकते है। इस उपाय को हर पूर्णिमा को दोहराते रहने से धीरे धीरे दांपत्य जीवन में मधुरता आणि शुरू हो जाती है।
3. धन प्राप्ति के लिए
पूर्णिमा तिथि को चद्रोदय होने के बाद गए के कच्चे दूध में, चावल और चीनी मिला कर ॐ ऐं ह्रीं सोमाय नमः मन्त्र बोलते हुए चंद्र देव को अर्घ दें। हर पूर्णिमा को इस उपाय को दुहराये। धन प्राप्ति के नये रस्ते बनने शुरू हो जाते है।