हमारे शास्त्रों में सुबह उठते ही सबसे पहले हथेलियों के दर्शन करने को अत्यन शुभ बताया गया है। मान्यता है की सुबह उठते ही सबसे पहले बिस्तर पर बैठे बैठे अपने हथेलियों के दर्शन करने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि होती है। हमारे हथिलियों के लकीरो में हमारा भाग्य छुपा होता है साथ ही हमारे हथेलियों में सभी ग्रहो एवं देवी देवताओ का वास होता है। इसी कारण जब सुबह उठते ही जातक सबसे पहले हथेलियों के दर्शन करते है और मंत्रोउच्चारण से उन्हें नमन करते है तो मनुष्य का सौभाग्य जागृत होता है और प्रतिकूल परिस्थिति भी अनुकूल हो जाती है।
हथेली दर्शन की विधि : सुबह नींद से उठते ही बिस्तर पे बैठ जाये और अपनी हथेलियों को पुस्तक की तरह आपस में मिला ले और उसके बाद ही आखे खोलें और हथेलियों के दर्शन करें। हथेलियों के दर्शन करते हुए निम्न मन्त्र का ३ बार उच्चारण करें।
मन्त्र - कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम।।
अर्थात मेरे हाथों के अग्र भाग में माँ लक्ष्मी निवास करतीं है एयर मध्य भाग में माँ सरस्वती का निवास है और हाथो के मूल भाग में भगवान विष्णु का निवास है और सुबह में मई उनका दर्शन करता हूँ। इस श्लोक में धन की देवी माता लक्ष्मी, विद्या की देवी माँ सरस्वती एवं सृष्टि का पालनहार भगवन विष्णु की स्तुति की गयी है। इसी कारण सुबह उठते ही इस मन्त्र के जप से मनुष्य तो धन, विद्या एवं भगवत कृपा प्राप्त होती है।